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शेर, मुक्तक – Sher, Muqtak कवितायेँ – Kavitayen (Poems) विचार – Vichar  (Thoughts)
इश्क भी क्या चीज़ है
रात भर
एहसास नहीं रह जाता
खुदा भी
पिघलता है
कोशिश न करना कीमत ..
गहरा समन्दर है
कुछ आदतें नहीं बदलतीं
बस एक ख्वाब हो तुम
माँ
इतनी गैरत नहीं
करते थे बातें इशारों पे जान देने की
जरुरत किसको नहीं होती
इम्तेहां हो गई
कभी अकेला नही छोडा
कभी लडखडा के तो देख
प्यार सामने होता है
कल फिर
तुम रहे जब तक
फोर्थ इयर में आ के
तेरे लिये मिट जायें
पा लिया है सब कुछ
आजमाना हो तो बोलो
हालात
खुदा ये कैसा फैसला तेरा
तुझे भूल नहीं पायेंगे 
कभी सोचा नहीं था
जो राह दिखाइ है तुने
गर आँसू तेरी आँख का होता
हाँ, अब हम खामोश हैं….. 
जीने का बहाना
तेरा नाम दिल मे 
इससे ज्यादा प्यार ?
तुने अनदेखा किया
शिकवा नहीं इस के सिवा 
ये सेंसेक्स (हास्य व्यंग)
कितना मुश्किल होता है
खुशीयों के चंद पल
क्यों सोचता हूँ मै
ख्वाब मे भी मत सोचना
जीने के लिए जरूरी
उम्मीद
ठुकरा दो पर एक बार सोच लेना
कोई खास
इजहार नहीं कर सकता ?
सपनो पे जिंदगी
आसुओं से बरसते हैं जज्बात
जिन्दा
ख्वाब और हकीकत
हर बार
सीख लेते हैं लोग
क्यों ऐसा बना दिया
इन्तजार…
गर था ले रहा तु इम्तेहा
हमारा मुकद्दर
मुझे तेरी जरूरत है
आसुओं सगं गुजरती रात
मजबूरीयों में बधे
कौन समझाये
भीगी आँखें
नजराना
तुझे पाने कि तमन्ना
कुछ मजबूरीयाँ
गुमसुम सी तनहाइयों मे
चांद की जगह तेरा चेहरा
पुकारा तो साथ दे देगे
बेताब धडकन
सपना क्यों
वक्त पर एहसान
नजदीकी का एहसास

In Rising India ????
निशानी
चरित्रहीन – The call girl
मैं इमरान हाशमी बनना चाहता हूँ
मौसम …Unfortunately a true Love story
बड़ा अजीब सा है वो
रुक्सत
फोर्थ इयर में आ के
जूली – A real story
भटकाव – The Dilemma
ख़ुशी
ये सेंसेक्स (हास्य व्यंग)
झा बाबू B-TECH-2
झा बाबू B.Tech
मैं जानता नहीं
जागो
कभी महाबली खली तो कभी …

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