एहसास नहीं रह जाता

जीने के लिये इस दुनिया में कुछ खास नही रह जाता है
सब कुछ होता है फिर भी कुछ पास नही रह जाता है
खुद अपने मे घुट कर जब अरमान युं ही मर जाये तो
इक हद के आगे दर्द का भी एहसास नहीं रह जाता है
…………………………………………… Shubhashish(2007)

9 विचार “एहसास नहीं रह जाता&rdquo पर;

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