तेरे बिना जीना वक्त पर एहसान है
तुझ बिन ये जिंदगी दो पल की मेहमान है
तुझे देखने से आँखों मिलता है सुकून
तुझ पे निसार तो हमारी जान है
……………………………. Shubhashish(1998)
…in search of me…….
तेरे बिना जीना वक्त पर एहसान है
तुझ बिन ये जिंदगी दो पल की मेहमान है
तुझे देखने से आँखों मिलता है सुकून
तुझ पे निसार तो हमारी जान है
……………………………. Shubhashish(1998)
bhut sunder