चांद की जगह तेरा चेहरा

कितना अच्छा होता जो चांद की जगह तेरा चेहरा आता,
रात मे भी आकाश में दिन से ज्यादा उजाला छा जाता,
मेरी ये आँखें न सुखती बिन तेरे तुझे देखते के लिये,
रात को बेचैन होने के बजाय तेरी आँखों में ही खो जाता,
………………………………..Shubhashish(1998)

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