क्यों होता है एहसास दुखों का
दिल का भारी बोज नही होता हल्का
दिल क्यों देखता है ऐसा सपना सुख का
जो बन जाता है दुखडा ही दिल का
…………………………………….Shubhashish(1998)
…in search of me…….
क्यों होता है एहसास दुखों का
दिल का भारी बोज नही होता हल्का
दिल क्यों देखता है ऐसा सपना सुख का
जो बन जाता है दुखडा ही दिल का
…………………………………….Shubhashish(1998)
IAM RAKESH KUMAWAT I WANY TO SHAYRI MY MAIL ID
fantastic poems