जिसके लिये हमने हर खुशीयों को छोड दिया,
उसने हमारी खशीयों के लिये हमें छोड दिया,
उसे कैसे समझायें कि हमारी हर खुशी थी उससे,
उसने अन्जाने मे हमारा दिल हमारे लिये ही तोड दिया |
…………………………………… Shubhashish(1999)
…in search of me…….
जिसके लिये हमने हर खुशीयों को छोड दिया,
उसने हमारी खशीयों के लिये हमें छोड दिया,
उसे कैसे समझायें कि हमारी हर खुशी थी उससे,
उसने अन्जाने मे हमारा दिल हमारे लिये ही तोड दिया |
…………………………………… Shubhashish(1999)