हर बार

हर मोड पर खुद को अकेला पाते हैं,
हर बार खुद से कुछ वादा कर जाते हैं,
हर बार लगता है शायद ये आखरी बार है,
पर हर बार हम जीतते-जीतते हार जाते हैं|
………………………….. Shubhashish(2003)

2 विचार “हर बार&rdquo पर;

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