दिल में दर्द दबाने की
आँखों में नमी छुपाने की
हर कोशिश कर के हार गए
हम तेरी याद भूलाने की
तेरी चाहत में हमने
हर दर्द को समझा थोड़ा था
उस रोज बिखर गए टूट के हम
जब तुमने भी भी मुंह मोडा था
रोते रहे थे रात भर
बाकी फिर भी समंदर था
जाने कितना दर्द अभी भी
इस सीने के अंदर था
फिर आदत हो गयी दिल को
वक़्त गम के साथ बिताने की
हर कोशिश कर के हार गए
हम तेरी याद भूलाने की
……………………… Shubhashish
bahut badhiyaa!
फिर आदत हो गयी दिल को
वक़्त गम के साथ बिताने की
हर कोशिश कर के हार गए
हम तेरी याद भूलाने की
सुन्दर रचना।
बहुत उम्दा, बधाई.
….इनकी भी सुन लीजिये जनाब…”अब ये भी ठीक नहीं की हर दर्द मिटा दें….,कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए है…..”
paramjit ji, ritu ji ,sameer ji umesh ji aap sabhi logo ka ise padhne ke liye shukriya
bahut achhi kosis hai yaad bhulane ki bhi
aur
Yaad anne ki bhi
dhanyavad gopal ji