माँ


जो भी जॉब के लिए घर से दूर हैं शायद उन सब के दिल में यही जज्बात होंगे | 
ये चार लाईने मैं अपनी माँ के लिए लिखा हूँ, वैसे माँ को याद करने को लिए कोई दिन नहीं होता है माँ तो हमेशा हमारे दिल में रहती हैं  हैं लेकिन आज Mother’s Day के बहाने जरुर इन भावनाओ को यहाँ व्यक्त कर रहा हूँ  

कभी-कभी खुद अपनी तरक्की से भी हो जाता नाराज हूँ मैं
इसी भाग दौड़ में खुद अपनों से दूर हो गया आज हूँ मैं
जिस आंचल के साये में रह के किसी लायक बन पाया
उस माँ से ही मिलने को चन्द छुट्टी का मोहताज हूँ मैं
……………………………….. Shubhashish