सपनों की खुशीयाँ टिकती नहीं,
सपनों की तकलीफें मिटती नहीं,
हमसे मिलके ये कहना छोड दोगे कि,
सपनो पे जिंदगी कटती नहीं |
…………………. Shubhashish(2003)
दिन: अप्रैल 1, 2008
आसुओं से बरसते हैं जज्बात
1)
मायूसी भरे होते हैं हालात,
आसुओं से बरसते हैं जज्बात,
किसी और से बिछड़ के भी शायद न रोते,
पर कैसे हसें जब प्याज काटे हैं ये हाथ |
2)
जीवन के हर मोड़ पर बस तुने ही साथ निभाया है,
तुने ही हर रोज़ पलकों पर एक नया ख्वाब सजाया है,
पर अब कुछ दिन के लिए माफ़ करो हे निद्रा देवी,
अब exam बिल्कुल सर पे आया है|
……………………………. Shubhashish
1st april special 🙂
जिन्दा
रोने के लिये आँखों मे आँसु नहीं,
जीने के लिये दिल मे अरमान नहीं,
चलता-फिर देख लोग तो जिन्दा समझे हैं,
लेकिन धडकने के लिए दिल मे जान नहीं|
………………………. Shubhashish(2003)