कल फिर कुछ पहलू अनछुए से रह गये
कल फिर कुछ वादे अनकहे से रह गये
शायद मै जानता था कि ये आखिरी मुलाकात है
तभी कई अरमान दिल में दबे रह गये
…………………………………… Shubhashish(2005)
…in search of me…….
कल फिर कुछ पहलू अनछुए से रह गये
कल फिर कुछ वादे अनकहे से रह गये
शायद मै जानता था कि ये आखिरी मुलाकात है
तभी कई अरमान दिल में दबे रह गये
…………………………………… Shubhashish(2005)