खुदा ने किस्मत दी मत गुरूर करना,
अगर हो सके तो हमे खुद से दूर करना,
हम तो चाह कर भी तुझे भूल नहीं पायेंगे,
पर तुम हमें भूलने की कोशिश जरूर करना|
…………….Shubhashish(2004)
…in search of me…….
खुदा ने किस्मत दी मत गुरूर करना,
अगर हो सके तो हमे खुद से दूर करना,
हम तो चाह कर भी तुझे भूल नहीं पायेंगे,
पर तुम हमें भूलने की कोशिश जरूर करना|
…………….Shubhashish(2004)
अच्छी कवितां हैं.
बढ़िया..लिखते रहें. शुभकामना.
bahut khub
dhanyvad atul ji, sameer ji aur mehek ji , aap logo ki is hausla-afjayi ke liye tah-e-dil se shukriya. 🙂
NIKAL HI AATI HAI KOI NA KOI GUNJAAISH KISI KA PYAAR KABHI AAKHIRI NAHI HOTA